उइगरों पर चीनी बर्बरता को लेकर अमेरिका ने जारी किया वेबपेज, वैश्विक लड़ाई की अगुआई करने का किया एलान
वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही बर्बरता पर रोशनी डालने के लिए एक नया वेबपेज जारी किया है। चीन के इस पश्चिमोत्तर प्रांत में बड़ी संख्या में उइगर रहते हैं। चीनी सरकार न सिर्फ इनकी निगरानी करती है बल्कि मानवाधिकारों का हनन कर इन पर कई तरह की सख्त पाबंदियां भी लगा रखी हैं। लाखों उइगरों को हिरासत में भी रखा गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमने एक नया वेबपेज जारी किया है, जिसके जरिये शिनजियांग में रहने वाले उइगरों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अत्याचारों को सामने लाया जाएगा। अमेरिका इस तरह के मानवाधिकार हनन खिलाफ वैश्विक लड़ाई की अगुआई करने के लिए प्रतिबद्ध है।’ यह वेबपेज ऐसे समय जारी किया गया है, जब दक्षिण चीन सागर और कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनातनी बढ़ गई है।
अमेरिका उइगर मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर चीन के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। मामले में कई चीनी कंपनियों को भी काली सूची में डाल दिया है। हाल ही में ह्यूमन राइट्स वॉच, एमनेस्टी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सर्विस फार ह्यूमन राइट्स समेत 300 से अधिक नागरिक संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र से चीन सरकार के मानवाधिकार उल्लंघनों पर विचार करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी निकाय गठित करने की अपील की थी।
बीते दिनों वॉशिंगटन स्थित उइगर संगठन ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट (ईटीएनएएम) ने खुलासा किया था कि चीन के उत्तर-पश्चिम प्रांत शिनजियांग के तुरपान शहर में 15 और यातना शिविरों का पता चला है जहां उइगर मुस्लिमों को कैद करके रखा गया है। अमेरिका ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकार हनन को लेकर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के कई वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा चुका है।
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