केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में बताया, भारत में 92 फीसद कोरोना के मामले माइल्ड
नई दिल्ली। समय पर उठाए गए लॉकडाउन जैसे कड़े कदमों की वजह से देश में 37 से 78 हजार लोगों को मौत से बचाया जा सका है। यह दावा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने लोकसभा में किया। हर्षवर्धन ने बताया कि देश में कोरोना के कुल मरीजों में 92 फीसद माइल्ड श्रेणी के हैं। केवल 5.8 फीसद मरीजों को ही आक्सीजन सपोर्ट और 1.7 फीसद को आइसीयू में रखने की जरूरत पड़ रही है।
हर्षवर्धन ने बताया कि पिछले चार महीने में सरकार पूरे देश में कोरोना के खिलाफ लंबी लड़ाई की पुख्ता तैयारी करने में सफल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान और कड़ाई से लॉकडाउन लागू करने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि इन कठोर कदमों की वजह से शुरुआती दौर में संक्रमण के फैलने की गति को रोकने में अहम सफलता मिली। इस कारण 14 से 29 लाख तक लोगों को संक्रमण से बचाने में सफलता मिली।
हर्षवर्धन ने कहा कि शुरुआत में सरकार के उपायों की वजह से कोरोना के संक्रमण को कम करने में सफलता मिली जिससे तैयारियों का मौका मिल गया। अप्रैल तक टेस्टिंग किट के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर देश अब इस मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो चुका है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट, एन-95 मास्क और वेंटीलेटर जैसे जरूरी उपकरणों के मामले में भी देश आत्मनिर्भर हुआ है।
हर्षवर्धन ने कोरोना के संक्रमण के प्रबंधन में भारत की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में पिछले शुक्रवार तक 2.79 करोड़ संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 9.05 लाख लोगों की मौत चुकी है। इस तरह दुनिया का औसत मृत्युदर 3.2 फीसद है। वहीं भारत में शुक्रवार तक 45,62,414 केस और इससे 76,271 मौतों के साथ मृत्युदर 1.67 फीसद ही है। वहीं भारत में रिकवरी रेट भी 77.65 फीसद पहुंच गया है। प्रति 10 लाख जनसंख्या के हिसाब से भी देखें तो भारत में केवल 55 लोगों की मौत हुई है जबकि दुनिया के विकसित देशों में 600 मौतें हुई हैं।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.