चीन की हर हरकत को भांप लेती है भारतीय सेना, धरा से अंतरिक्ष तक हो रही निगरानी
जम्मू। पूर्वी लद्दाख में चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा पर भारतीय सेना उसकी हर चाल का करारा जवाब दे रही है। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) थोड़ी-सी भी हलचल करती है और पहले से अलर्ट भारतीय जवान उसके इरादों को नेस्तनाबूद करने मेंपल भर की देरी नहीं लगाते। धरा से आसमान और इससे भी आगे अंतरिक्ष तक चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित जवान उसे कोई और हिमाकत का मौका नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा अंतरिक्ष में तैनात अदृश्य जासूस भी सटीक जानकारियां उपलब्ध करवा हर साजिश को नाकाम बनाने में सहयोग कर रहा है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, एलएसी पर आधुनिक उपकरणों से नजर रख रही सेना को देश के सेटेलाइट के माध्यम से दुश्मन की हर गतिविधि के बारे में सटीक जानकारी मिल रही है। इसी की बदौलत भारतीय जांबांजो ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से दो कदम आगे चलते हुए ब्लैक टॉप व और कुछ चोटियों पर कब्जा कर खुद को रणनीतिक रूप से मजबूत कर लिया। इसके साथ दिन-रात उड़ान भर रहे वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर भी उंचाई से दुश्मन के इलाकों पर पैनी नजर रख रहे हैं।
पूर्वी लद्दाख का दौरे के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने सेना के निगरानी तंत्र को मजबूत बनाने और हर चुनौती का मुकाबला करने की सेना की तैयारियों की समीक्षा भी की थी। ऐसे में भारत सेना चीन से तकनीकी तौर पर भी मजबूत ही साबित हो रही है। अंतरिक्ष में हमारा यह दोस्त है सेटेलाइट रिसैट 2बी आर1, इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने कुछ माह पूर्व लांच किया था। हर मौसम में कारगर यह सेटेलाइट राडार इमेजिंग से चीन की हर हरकत पर नजर रखा है।
चीन ने लगाया है सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन
सूत्रों के अनुसार, एलएसी के पास डैमचौक क्षेत्र में 60 किलोमीटर की दूरी पर चीन ने अपना सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन स्थापित क्या है। इस पर भी भारतीय सेटेलाइट ने पूरी नजर जमाई है। भारतीय सेटेलाइट की नजर से बचाने के लिए चीन ने इस सेटेलाइट ट्रैकिंग स्टेशन को बौद्ध धर्मस्थल काल चक्र का रूप दिया है। हमारे यह जासूस चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा की जाने वाली नापाक गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए है। ऐसे सेटेलाइट पाकिस्तान में टेरर कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान और नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम बनाने के लिए भी किए जा रहे हैं
चीन की हो रही 24 घंटे सर्वेलांस: ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता
सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता के अनुसार, भारतीय सेना इस समय पूर्वी लद्दाख में चीन का सामना करने के लिए सशक्त है और 24 घंटे निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि आज की चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक तकनीक बहुत अहम है। भारतीय वायुसेना रोजाना रात के समय उड़ान भर अंधेरे में दुश्मन की हर गतिविधि पर निगाह रख रही है। इसके साथ सेना थर्मल इमेजरों, हैंड हेल्ड इमेजर से भी दुश्मन की कड़ी निगरानी कर रही है। इस कार्य में अंतरिक्ष में धूम रहे ‘जासूस’ भी अहम भूमिका है। ब्रिगेडियर गुप्ता ने बताया कि कारगिल के बाद सेना के सर्वेलांस सिस्टम को और मजबूत बनाने की जरूरत महसूस की गई थी। आज सेना, वायुसेना के पास विश्व के बेहतर निगरानी यंत्र हैं। इनमें आधुनिक मानवरहित टोही विमान(यूएवी) व ड्रोन भी शामिल हैं।
क्या है रिसैट-2बीआर1
रिसैट-2बीआर1 दिन और रात दोनों समय काम करता है और यह किसी भी मौसम में तस्वीरें लेने में सक्षम है। यह माइक्रोवेव फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाला सेटेलाइट है। इसलिए इसे राडार इमेजिंग सेटेलाइट कहते हैं। यह रीसैट-2 का आधुनिक वर्जन है और भारत का निगहबान भी। यह अंतरिक्ष में 576 किमी की ऊंचाई से देश की सीमाओं पर नजर रख रहा है।
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