सुप्रीम कोर्ट में विकास दुबे मुठभेड़ कांड की जांच के लिए गठित आयोग के पुनर्गठन की मांग खारिज
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में विकास दुबे मुठभेड़ कांड की जांच के लिए गठित आयोग के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएस चौहान की अध्यक्षता मे तीन सदस्यीय आयोग कानपुर विकास दुबे मुठभेड़ कांड की जांच कर रहा है। याचिकाकर्ता ने जांच आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बीएस चौहान को लेकर सवाल खड़े किए थे। कहा गया था कि रिटायर्ड जज बीएस चौहान के कई रिश्तेदार भाजपा में हैं और उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है, ऐसे में जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी जांच आयोग से जस्टिस शशिकांत और पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता को हटाने से इनकार करते हुए आयोग के पुनर्गठन की अर्जी खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर याचिकाकर्ता घनश्याम दुबे ने कहा था कि कानपुर में विकास दुबे मुठभेड़ कांड की जांच के लिए गठित आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान के भाई और समधी बीजेपी के नेता हैं, जबकि पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता कानपुर के आईजी के रिश्तेदार हैं जहां विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था। ऐसे में यह आयोग निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगा। पिछले दिनों इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबडे ने याचिकाकर्ता के वकील घनश्याम उपाध्याय के उठाए गए सवालों पर नाराजगी भी जताई थी। उन्होंने कहा था कि जस्टिस बीएस चौहान सुप्रीम कोर्ट के एक सम्मानित न्यायाधीश रहे हैं, वह हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उनके रिश्तेदारों से कभी कोई समस्या नहीं थी, अब आपको समस्या क्यों है।
बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने दो जुलाई की रात कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसवालों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस जघन्य वारदात को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया था। घटना के करीब एक हफ्ते बाद विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ था। उज्जैन से कानपुर लाते वक्त यूपी एसटीएफ ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया था। पुलिस का कहना था कि गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे भागने की कोशिश कर रहा था और इस दौरान उसने पुलिस की पिस्टल छीन कर फायरिंग भी की थी। विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल उठे थे। इसके बाद मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक समिति बनाई गई थी। इस समिति में पूर्व जस्टिस बीएस चौहान के अलावा, पूर्व हाई कोर्ट के जज शशिकांत अग्रवाल और यूपी के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता शामिल हैं।
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 212
Warning: A non-numeric value encountered in /home/khabartrack/public_html/wp-content/themes/publisher/includes/func-review-rating.php on line 213
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.